Nafrat Shayari उर्दू और हिंदी साहित्य की एक तीव्र और भावनात्मक अभिव्यक्ति है, जो इंसान के दिल में छुपे आक्रोश, धोखे और टूटे भरोसे को शब्दों का रूप देती है। जहाँ मोहब्बत शायरी प्रेम और भावनाओं की कोमलता को दर्शाती है। वहीं Nafrat Shayari दर्द और टूटे रिश्तों की तीव्रता को उजागर करती है। यह Nafrat Shayari in Hindi उन लोगों की आवाज़ बन जाती है, जिन्होंने दिल से किसी को चाहा लेकिन बदले में धोखा, बेवफाई या उपेक्षा पाई।
Nafrat Shayari in Hindi अक्सर दो पंक्तियों या चार पंक्तियों में होती है। लेकिन उसका असर पढ़ने वाले के दिल तक पहुंचता है। इन शायरियों में तंज, कटाक्ष, और दर्द भरे लहजे का ऐसा संगम होता है, जो न केवल व्यक्ति की भावनाओं को व्यक्त करता है, बल्कि दूसरों को भी सोचने पर मजबूर कर देता है।
Contents
Nafrat Shayari in Hindi
Tum नफरत का धरना कयामत Tak जारी रखो,
मैं Pyar का इस्तीफा Zindagi भर नहीं दूंगा।
लेकर के Mera नाम वो Muje कोसता है,
Nafrat ही सही पर वो मुझे Sochta तो है।
Tum उसे नफरत से Kya डराओगे,
जिसे Mohabbat से ज्यादा Nafrat ही मिली हो।
कोई Puche अगर तुमसे Meri कहानी,
कह Dena नफ़रत के भी Kabil नही था।
क़त्ल तो Zaalim है इस Bewafa शहर में,
जिसे Dekho दिल में नफरत Liye फिरता है।
जो हमारी Nafrat के भी Layak नहीं थे,
Ham उन्ही से बेशुमार Pyar कर बैठे।
तू बेशक Nafrat कर ख्वाब Tere ही रहेंगे हमेशा,
Muje भरोसा है अपनी Ankho पर।
Muje नफ़रत पसंद है,
मगर दिखावे का Pyar नही।
अदावत तो है Apni नफरतों Ke रहनुमाओं से,
जो Dil में दे जगह उससे Bhala न क्यूँ सुलह कर लें।
नफरत शायरी हिंदी में
Tere हर एक अक्स से Nafrat होने लगी,
कुछ इस Kadar हमे खुद से Mohabbat होने लगी।
ना Mera प्यार कम हुआ न Unki नफरत,
Apna अपना फर्ज था दोनों Ada कर गये।
Behad गुस्सा करते हो Aajkal,
नफ़रत Karne लगे हो या मोहब्बत Jyada हो गई।
Nafrat करने वाले भी Gajab का प्यार करते हैं,
जब भी Milte है कहते हैं कि Tuje छोड़ेंगे नहीं।
कोई To हाल-ए-दिल Apna भी समझेगा,
हर शख्स को Nafrat हो जरूरी तो Nahi।
नही हो अब Tum हिस्सा मेरी Kisi हसरत के,
Tum काबिल हो तो Bas नफ़रत के।
Jab नफरत की Aandhi आती है,
तो Pyar की चिराग़ Jalani चाहिए।
बैठकर Sochte है अब कि क्या Khoya क्या पाया,
उनकी Nafrat ने तोड़े बहुत Meri वफ़ा के घर।
Teri बेवफाई में ना Nafrat हुई,
और ना ही Ishq खत्म हुआ।
Nafrat Shayari 2 Line
Tum से रिश्ता अब Kuch ऐसा है,
ना Nafrat है, ना Ishq पहले जैसा है।
जिनकी थी बेइंतहा Mohabbat उसने ही Dhoka दिया है,
नफरत की Aag लगाकर हमको Juda किया है।
Hamne तो प्यार भी सच्चे Dil से किया था,
पर Tumne उस प्यार को Nafrat में बदल दिया।
Ishq करे या नफरत Ijajat है उन्हें,
Hame इश्क़ से अपने Koi शिकायत नही।
Teri नफरत में वो दम कहाँ,
जो मेरी Chahat को कम करे।
प्यार Karna सिखा है, नफरतो की कोई Jagah नही,
बस Tu ही Tu है इस दिल मे दूसरा Koi और नही।
Mohabbat करो तो Had से ज्यादा,
और Nafrat करो तो Usse भी ज्यादा।
Hame बरबाद करना है तो हमसे Pyar करो,
नफरत Karoge तो खुद Barbad हो जाओगे।
वो नफरतें Pale रहे हम Pyar निभाते रहे,
लो ये Zindagi भी कट गयी Khali हाथ सी।
Attitude Nafrat Shayari
मुझसे Nafrat करनी है, तो इरादे Majbut रखना,
Jara से भी चूके तो Mohabbat हो जायेगी।
Hame बरबाद करना है तो Hamse प्यार करो,
Nafrat करोगे तो Khud बरबाद हो जाओगे।
उसने Mujse नफरत मरते,
दम Tak करने की कसम Khali है,
और Mene भी उसे प्यार मरते,
दम तक Karne की कसम Khali है।
जरूरत है Muje नये नफरत Karne वालों की,
Purane तो अब मुझे Chahane लगे है।
Nafrat की दीवारें Itni ऊँची हो गई कि,
Mohabbat की आवाज़ अब Sunai नही देती।
Ek ही अर्ज है बनावटी Pyar न कर मुझसे,
इससे Acha तो नफरत कर मगर Dil से कर।
नफरत Tum बेशक कर लो हमसे,
हम तो Karte रहेंगे प्यार,
तुम्हें युहीं चाहेंगे Jab Tak है दम।
जो मुझसे Nafrat करते हैं Shokh से करें,
हर शख्स को मैं Apni,
Mohabbat के काबिल नहीं समझती।
मोहब्बत Sachi हो तो कभी नफरत Nahi होती है,
अगर Nafrat होती है तो Mohabbat सच्ची नहीं होती है।
जिंदगी से नफरत शायरी
अब Ham भी तुमसे इतनी नफरत Karne लगे है,
जितना Tumne हमें चाहने में Waqt गंवाया था।
जा Tuje मौका दिया जी भर के Nafrat करले,
और Jab नफरत से जी भर जाए तो Pyar को मौका देना।
मैं काबिले Nafrat हूँ तो छोड़ दे Muje,
तू Mujse यूँ दिखावे की मोहब्बत ना Kiya कर।
Hamari दुआ थी कि वो Nafrat खत्म करदें,
उनकी Dua थी की हम ये Rishta ही खत्म करदें।
Nafrat मत करना Mujse बुरा लगेगा,
बस एक बार Pyar से कह देना अब Teri जरूरत नहीं।
ज़्यादा कुछ Nahi बदला उसके और Mere बीच में,
Pahale नफरत नहीं थी और अब Pyar नहीं है।
Jamana वो भी था जब Tum खास थे,
जमाना ये भी है के Tera जिक्र Tak नहीं।
मोहब्बत Karne से फुरसत Nahi मिली दोस्तो,
वरना Ham करके बताते नफरत Kisko कहते हैं।
Nafrat का इज़हार भी Kabhi ज़रूरी होता है,
पर इसे Dil में बसने नही Dena चाहिए।
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