Sharab Shayari सिर्फ उन लोगों को पसंद नहीं आती, जो शराब के शौकीन हों, बल्कि उन्हें भी जो शायरी की गहराई को समझते हैं। यह केवल शराब पीने की बात नहीं करती, बल्कि शराब को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है। शराब शायरी उन जज़्बातों की दास्तां होती है, जो इंसान के अंदर छुपे होते हैं। वो दर्द, वो टूटन, वो उम्मीदें जो अधूरी रह गईं। कई शायरों ने कहा है कि “हम तो यूं ही पीते हैं, वरना शराब में वो बात कहां जो तेरी याद में है।” इस तरह की लाइनें शराब को प्रतीक बना देती हैं उस प्रेम, विरह और दर्द का, जिसे शब्दों में कह पाना मुश्किल होता है।
शराब शायरी दिल को छू जाने वाली, दर्द को गहराई से महसूस कराने वाली और अकेलेपन में भी एक साथी सी लगने वाली कला है। यह ना सिर्फ साहित्य का एक हिस्सा है, बल्कि दिल का भी आईना है।
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Sharab Shayari in Hindi
शराब नही पीते Ham बस कुछ Gam छुपाते है,
Dil की तन्हाई को Sharab में डुबोकर भुलाते है।
साथ में Dost हो हाथ में Jaam हो,
Zindagi जीने का बस Maja ही मज़ा हो।
Kuch तो शराफत सीख लो Ishq ऐ शराब से,
हर Botal पर लिखा तो होता है, Me जानलेवा हूँ।
शीशे में डूब कर Pite रहे उस जाम को,
कोशिशे तो Bahut की मगर भुला ना पाए Ek नाम को।
एक Sharab की बोतल दबोच रखी है,
तुजे भुलाने की Tarkib सोच रखी है।
ना कर Itna गुरुर Apne नशे पर शराब,
तुझसे Jyada नशा रखती है, Ankhe किसी की।
Har शाम का साथी हैं Sharab,
फिर क्यों Log कहते हैं Ise ख़राब।
देखूँगा Kabhi ऐ शऱाब तुझे Apne लबों से लगाकर,
तू Mujme बसेगी कि Me तुझमें बसूँगा।
Ek शराब की बोतल दबोच Rakhi है,
Tuje भुलाने की तरकीब Soch रखी है।
शराब शायरी दो लाइन
Mohabbat से गुज़रा हूँ, Ab मेह्खाने में जाना है,
दोनों का Asar एक ही है, बस Hosh ही तो गवाना है।
शिकन न डाल Mathe पर शराब देते हुए,
ये Muskurati हुई चीज़ मुस्कुरा Ke पिला।
कुछ Nasha तो आपकी Baat का है,
Kuch नशा तो धीमी Barsaat का है।
सदियों से जो Badnami का, Boz ढो रही है,
Aaj वो ही सबके हाथ Dho रही है।
मैं तोड़ Leta अगर वो गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर वो Saval होती,
सब Jante हैं मैं नशा नहीं करता,
फिर भी पी लेता अगर वो Sharab होती।
कुछ Sahi तो कुछ Kharab कहते हैं,
लोग Hame बिगड़ा हुआ Nawab कहते हैं।
Pilade ओक से साक़ी जो Ham से नफ़रत है,
पियाला गर Nahi देता न दे शराब To दे।
पीते थे Sharab हम,
उसने छुड़ाई Apni कसम देकर,
महफ़िल में गए थे Ham,
Yaaro ने पिलाई उसकी कसम देकर।
जान-ए-जान Teri खातिर, और Kya करें आखिर,
चल के Ham किताबों से, आ गए Sharabo तक।
आशिक शराबी शायरी
Sharab से बातें की है Raat भर,
Dil ने आज फिर बगावत Ki है रात भर।
Raat भर गिरते रहे, उनके Daman में मेरे आंसू,
सुबह उठते ही वे Bole कल रात Barish गज़ब की थी।
बहुत Amir होती है ये शराब की Botal,
Paisa चाहे जो भी लग जाये, सारे गम Kharid लेती है।
जाम Pine का मजा Zindagi जीने से ज्यादा है,
Agar इसे न पिया तो जिंदगी Jine का मजा क्या है।
एक Bewafa ने हमें इस कदर Toda है कि,
Uske गम में हम शराब पीने के Aadi हो गए है।
बोतल Chhupa दो कफ़न में Mere,
शमशान में Piya करूँगा,
जब Khuda मांगेगा हिसाब तो पैग बना के Diya करूँगा।
Madhosh कर देता है, तेरे ये Dekhne का अंदाज़,
और Log सोचते हैं कि Ham पीते बहुत हैं।
Mat कर हंगामा पीकर Meri गली में,
में तो Khud बदनाम हु, तेरी Mohabbat के नशे में।
मयकदे की Raah से गुज़र रहा हूँ,
आज फिर से Tanhai को ढूंढ रहा हूँ।
Sharab Par Shayari
थोड़ी सी पी Sharab थोड़ी सी उछाल दी,
Kuch इस तरह से हमने Javani निकाल दी।
Kuch भी बचा न कहने को हर Baat हो गई,
आओ Kahi शराब पिएँ Raat हो गई।
Ek जमाना था जब तेरी Ankho से पी कर जीते थे,
हम Lakh बुरे थे लेकिन शराब Kabhi नहीं पीते थे।
Muje ऐसी शराब बता ऐ दोस्त,
नशा-ए-Ishq उतार पाऊ मै।
रोक दो Mere जनाज़े को ज़ालिमों,
मुझ में Jaan आ गयी है।
Zindagi है चार दिन की कुछ भी न Gila कीजिये,
दवा, Daru , इश्क़ जो मिले Maza लीजिये।
नशा Ham किया करते हैं,
इल्ज़ाम Sharab को दिया करते हैं,
कसूर शराब का Nahi उनका है,
जिसका Chehara हम जाम में तलाश Kiya करते हैं।
हम तो Badnam हुए कुछ इस Kadar दोस्तों,
की Pani भी पियें तो Log शराब कहते हैं।
आसपास ना Aaya करो जब मे Sharab पीता हूँ,
पता है Mujse दुगुना नशा सँभला Nahi जाता।
बदनाम शराब शायरी
शराब पीते है लेकिन Dil के अंदर बहुत Dard छुपाते है,
जो दिखते है Khush असल में वो बहुत Rote है।
न जख्म भरे, न Sharab सहारा हुई,
न वो वापस Loti न मोहब्बत Dubara हुई।
Ab तो उतनी भी बाकी Nahi मय-ख़ाने में,
जितनी Ham छोड़ दिया Karte थे पैमाने में।
मयखाने से Pucha आज Itna सन्नाटा क्यों है,
बोला, Sahab लहू का दौर है Sharab कौन पीता है।
Sharab और मेरा कई बार Breakup हो चुका है,
Par कमबख्त हर बार Muje मना लेती है।
Socha था कुछ और Lekin हुआ कुछ और,
इसीलिए Bhulane के लिए चले Gaye शराब की ओर।
गीरी मिली Ek बोतल शराब की तो ऐसा Laga मुझे,
जैसे Bikhara पड़ा था एक रात का Sukun किसी का।
Kabhi देखेंगे ऐ जाम Tuje होठों से लगाकर,
तू Mujme उतरता है कि Me तुझमें उतरता हूँ।
Hame आप यूँ ही शराबी Na कहिये,
इस Dil पर असर तो Aapse मुलाकात का है।
के Aaj तो शराब ने भी अपना Rang दिखा दिया,
दो दुश्मनो Ko गले से लगवा Kar Dost बनवा दिया।
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